Reliance Industries का m-cap एक बार फिर ₹20 लाख करोड़ के पार, शेयर 2% चढ़कर बंद
Reliance Industries Market Cap
Reliance Industries Limited Market Cap: मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 26 जून 2025 यानी गुरुवार को दलाल स्ट्रीट पर शेयरों में तेजी की वजह से फिर 20 लाख करोड़ के मार्केट कैपिटलाइजेशन को छुआ है. इन्वेस्टर्स की जबरदस्त दिलचस्पी की वजह से बीएसई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर शाम के वक्त करीब 2 प्रतिशत की उछाल के साथ कारोबार करते हुए 1,495.20 रुपये के स्तर पर जाकर बंद हुआ.
रिलायंस ने फिर रचा इतिहास
सालभर से इसके शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. लेकिन रिलायंस के शेयर में पिछले तीन महीने के दौरान शानदार तेजी की वजह से 20 लाख करोड़ के मार्केट कैपिटलाइजेशन कैटगरी के साथ ही ये बाजार की सबसे ज्यादा कैप वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है. बीएसई आंकड़ा के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 20,23,375.31 करोड़ रुपये है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इससे पहले 2024 में 13 फरवरी को 52 वीक के उच्चतम स्तर 2957.80 रुपये को छूते हुए मार्केट कैप 20 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार किया था.
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से देश की सबसे वैल्युएबल कंपनी बनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरे नंबर पर है 1591218 करोड़ मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ एचडीएफसी बैंक. इसके बाद 1245219 करोड़ के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, 11448518 करोड़ के साथ एयरटेल और 1027838 करोड़ मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ है आईसीआईसीआई बैंक.
एक महीने में 23 प्रतिशत का रिटर्न
गौरतलब है कि गुरुवार की सुबह से ही रिलायंस इडस्ट्रीज के शेयर में जबरदस्त तेजी दिख रही थी और इसकी वजह से इसके स्टॉक्स में 2.14 प्रतिशत की उछाल दिखी और ये इसे तेजी के साथ 1498 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. मार्केट कैपिटलाइजेशन की अगर बात करें तो इसने 37837.9 करोड़ रुपये इसमें जोड़ा है.
अगर इस साल रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के रिटर्न की बात करें तो ये 23 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. पिछले पिछले एक महीने के दौरान इसके शेयर में करीब 4 प्रतिशत की तेजी दिखी है. 2005 के अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए, 2007 के अप्रैल में 2 लाख करोड़, 2007 के सितंबर में 3 लाख करोड़, 2007 के अक्टूबर में 4 लाख करोड़ रुपये हो गया था. इसके 12 साल बाद 2017 में 5 लाख करोड़, 2019 के नवंबर में 10 लाख करोड़ और 2021 के सितंबर में 15 लाख करोड़ रुपये हो गया.